Highlights:
- CDSCO ने 23 दवाओं के बैच फेल होने के बाद ड्रग अलर्ट जारी किया है।
- कंज्यूमर्स को संभावित स्वास्थ्य खतरों से बचने के लिए सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
- संबंधित उद्योगों को सुधार के निर्देश दिए गए हैं और बाजार से वापस मंगवाया गया स्टॉक।
शिमला, 25 अक्टूबर, 2024: केंद्रीय दवा मानक नियंत्रक संगठन (सीडीएससीओ) ने हिमाचल प्रदेश में बनी 23 दवाओं के सैंपल फेल होने पर ड्रग अलर्ट जारी किया है। अक्टूबर के इस ड्रग अलर्ट में यह पता चला कि पूरे भारत में कुल 67 दवाओं के सैंपल गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरे, जिनमें 23 दवाएं हिमाचल प्रदेश में स्थित दवा उद्योगों में निर्मित हुई हैं। इन असफल सैंपल्स में हार्ट, निमोनिया, डायबिटीज, दर्द निवारक, प्रसव, और कैल्शियम संबंधित दवाएं शामिल हैं, जिससे मरीजों के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा हो सकता है।
हिमाचल में बनी 23 दवाओं के सैंपल फेल, सीडीएससीओ ने जारी किया ड्रग अलर्ट, सभी असफल बैच बाजार से वापस मंगवाए गए
CDSCO की रिपोर्ट के अनुसार, इन दवाओं के सैंपल्स का परीक्षण अत्यधिक सावधानी के साथ किया गया था। हिमाचल में बने 23 सैंपल्स में 12 सोलन जिले में, 10 सिरमौर में और 1 कांगड़ा में उत्पादित थे। इनमें कुछ प्रमुख दवा निर्माता जैसे पुष्कर फार्मा, मार्टिन एंड ब्राऊन बायोसाइंस, जी लैबोरेट्रीज, प्रोटैक्ट टैलीलिंकस, और इन्नोवा कैपटेब जैसी कंपनियों के प्रोडक्ट्स शामिल हैं।
असफल सैंपल्स में कैल्शियम ग्लुकोनेट इंजेक्शन, सेफ्ट्रिक्सोम इंजेक्शन, ग्लीपिजाइड टैबलेट, और जैंटामाइसिन सल्फेट इंजेक्शन जैसी दवाएं हैं जो गंभीर बीमारियों के उपचार में प्रयोग होती हैं। इस फेल्योर की सूचना के बाद, संबंधित बैच को तुरंत बाजार से वापस मंगाने का आदेश जारी किया गया है।
ड्रग फेलियर का संभावित कारण:
CDSCO द्वारा बताई गई असफलता का मुख्य कारण उत्पादन प्रक्रिया में गुणवत्ता मानकों का पालन न करना हो सकता है। राज्य ड्रग कंट्रोलर मनीष कपूर ने कहा कि संबंधित दवा उद्योगों को सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति न हो। इन कंपनियों को इस दिशा में कड़े कदम उठाने होंगे, जिससे मरीजों को उच्च गुणवत्ता वाली दवाएं मिल सकें।
कंज्यूमर सेफ्टी पर प्रभाव:
ये दवाएं जिन बीमारियों का इलाज करती हैं, वे काफी संवेदनशील हैं, और फेल सैंपल्स का इस्तेमाल मरीजों के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। ड्रग कंट्रोलर ने बताया कि स्वास्थ्य सुविधाओं में इन दवाओं का व्यापक स्तर पर इस्तेमाल होता है, और इन बैचों के फेल होने का असर दूरगामी हो सकता है। सरकार द्वारा जारी किया गया अलर्ट स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक चेतावनी है कि गुणवत्ता नियंत्रण को उच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
कंज्यूमर गाइडलाइंस:
मरीजों को सलाह दी गई है कि वे दवाएं खरीदते समय बैच नंबर अवश्य जांचें। यदि फेल सैंपल में से किसी भी दवा का उपयोग हो रहा है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें और वैकल्पिक दवाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करें। जिन दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उनमें शामिल हैं:
- कैल्शियम ग्लुकोनेट इंजेक्शन
- जैंटामाइसिन सल्फेट इंजेक्शन
- कफ डीएम कफ सिरप
- न्यूरोपाइन 25 इंजेक्शन