
नई दिल्लीः बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने एक बयान में वृंदावन में प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा के दौरान स्थानीय निवासियों ने तेज आवाज में बजने वाले भजनों और ढोल-नगाड़ों के कारण आपत्ति जताई थी। जिसके कारण प्रेमानंद महाराज ने रात्री में होने वाली यात्रा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित किया था। इसे लेकर देशभर के संतों और उनके भक्तों ने प्रतिक्रिया दी थी लेकिन बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की प्रतिक्रिया पर बवाल बढ़ने लगा। वहीं आज शनिवार को बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने वृंदावन के लोगों से हाथ जोड़कर माफी मांगी है।
इसका वीडियो सामने आया है, जिसमें वह कह रहे हैं- ब्रजवासी तो मेरे प्राण हैं। मैं हाथ जोड़कर और दंडवत होकर प्रार्थना करता हूं कि किसी तरह का मन में कुभाव न लाएं। दरअसल, मथुरा में महिलाओं के विरोध के बाद संत प्रेमानंद महाराज ने रात्रि पदयात्रा स्थगित कर दी थी। इस पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था- देवियों साधु के भजन में रोक लगाओगी, तुम इंसान तो हो ही नहीं सकती। ऐसे लोगों को वृंदावन छोड़कर दिल्ली चले जाना चाहिए। धीरेंद्र शास्त्री के इस बयान का वृंदावन के लोगों ने विरोध किया। उनसे माफी मांगने की मांग की थी।
संत प्रेमानंद महाराज की रात में होने वाली पदयात्रा के दौरान बजने वाले ढोल और आतिशबाजी का 4 फरवरी को NRI ग्रीन सोसाइटी के लोगों ने विरोध किया था। सोसाइटी की महिलाओं का कहना था कि रात 2 बजे शोर होने से हमारे बच्चे सो नहीं पाते। इससे बच्चे देरी से उठते हैं। इस वजह से उन्हें स्कूल जाने में लेट हो जाता है। इसके बाद प्रेमानंद महाराज ने पदयात्रा बंद कर दी। अब वह कार से रमणरेती जाते हैं, फिर 100 मीटर की पैदल यात्रा करके आश्रम पहुंचते हैं। संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा स्थगित होने पर महाकुंभ में धीरेंद्र शास्त्री ने मीडिया से बातचीत की। कहा था- वर्तमान समय में ब्रज की विभूति के रूप में जिनकी वाणी को करोड़ों लोग सुन रहे हैं। ऐसे संत प्रेमानंद महाराज की रात्रि पदयात्रा को लेकर जिन महिलाओं ने विरोध किया। उनके बारे में एक प्रार्थना करेंगे।
देवियों साधुओं के भजन में ही रोक लगाओगी तो तुम इंसान हो ही नहीं सकती। पुराने समय में हवन कुंड में राक्षसों को दिक्कत होती थी। जो प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा का विरोध कर रहा, वह शुद्ध रूप से मानव नहीं है, जिनके पेट में दर्द है, वह वृंदावन छोड़कर दिल्ली में बस जाएं। पंडित धीरेंद्र शास्त्री के बयान सामने आने के बाद वृंदावन के लोग विरोध में उतर गए। शुक्रवार को राष्ट्रीय ब्राह्मण सेवा संघ ने मीटिंग बुलाई। इसमें मौजूद विभिन्न संगठनों के लोगों ने धीरेंद्र शास्त्री से माफी मांगने की मांग की।