
मुंबईः आरबीआई ने मुंबई के न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर बैन लगा दिया था। न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर बैन का मतलब है कि अब से ग्राहक धन निकासी या लेन-देन नहीं कर पाएंगे। बैंक पर यह बैन बीते वीरवार से अगले 6 महीनों के लिए लागू हो चुका है। बैंक में भारी अनियमितताओं के चलते ये प्रतिबंध लगाया गया था। अब इस मामले ने नया मोड़ ले लिया है।
जांच में सामने आया है कि बैंक के पूर्व जनरल मैनेजर द्वारा ब्रांच की तिजोरी लूटने भी लूटी गई है। न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के पूर्व महाप्रबंधक ने बैंक के खजाने से करीब 122 करोड़ रुपये निकाल लिए हैं। आरोपी पूर्व जनरल मैनेजर का नाम हितेश प्रवीणचंद मेहता है। जब हितेश बैंक के महाप्रबंधक थे तो वे दादर और गोरेगांव ब्रांच की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। उस समय यह बात सामने आई थी कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए दोनों शाखाओं के खातों से 122 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी। पुलिस ने इस मामले में बैंक के मुख्य लेखा अधिकारी द्वारा दादर थाने में दर्ज कराई थी। शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया।
वहीं, न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के बाहर शुक्रवार को परेशान ग्राहकों की लाइन दिखी। न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक देश के प्राइवेट सेक्टर की बैंक है। अब ग्राहकों को डर सता रहा है कि उनकी मेहनत की कमाई डूब जाएगी। ऐसे में ग्राहक अपने पैसे निकलवाने की होड़ में बैंक के बाहर खड़े हुए हैं जिनमें कई लोगों को शादी के लिए पैसे चाहिए तो कइयों को अस्पताल में एमरजेंसी के चलते पैसे चाहिए लेकिन ग्राहक अपने पैसे निकलवा नहीं पा रहे हैं।