
नई दिल्ली: बॉलीवुड के चर्चित फिल्म निर्देशक राम गोपाल वर्मा की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। अंधेरी मजिस्ट्रेट कोर्ट ने चेक बाउंसिंग के एक मामले में वर्मा को तीन महीने की जेल की सजा सुनाई है। यह फैसला उनकी नई फिल्म “सिंडिकेट” की घोषणा से एक दिन पहले आया है।
यह मामला 2018 में श्री नामक कंपनी द्वारा महेशचंद्र मिश्रा के माध्यम से दर्ज कराया गया था। मामला राम गोपाल वर्मा की फर्म “कंपनी” से संबंधित है। वर्मा पर आरोप है कि उन्होंने भुगतान के लिए जो चेक दिया था, वह बाउंस हो गया। यह मामला नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत दर्ज किया गया था। पिछले सात वर्षों से इस मामले की सुनवाई चल रही थी।
मजिस्ट्रेट वाईपी पुजारी ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान आदेश दिया कि “फैसले के दिन आरोपी अदालत में पेश नहीं हुए, इसलिए उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी किया जाए।” कोर्ट ने वर्मा को तीन महीने की जेल की सजा सुनाई और शिकायतकर्ता को तीन महीने के भीतर 372,219 रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया। अगर वर्मा मुआवजा नहीं चुकाते हैं, तो उन्हें तीन महीने की अतिरिक्त जेल भुगतनी होगी।
मजिस्ट्रेट ने यह भी स्पष्ट किया कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 428 के तहत किसी भी सेट-ऑफ का प्रश्न नहीं उठता क्योंकि आरोपी ने ट्रायल के दौरान हिरासत में कोई समय नहीं बिताया।
फैसले के दिन राम गोपाल वर्मा अदालत में मौजूद नहीं थे। इसके चलते कोर्ट ने संबंधित पुलिस स्टेशन को उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।