दिल्लीः भारतीय ग्रैंडमास्टर डी. गुकेश ने शतरंज में नए आया स्थापित किए हैं। उन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप में डिंग लिरेन को हराकर सबसे युवा चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया।
18 साल के गुकेश ने 14वें और निर्णायक क्लासिकल गेम में जीत दर्ज कर 7.5 अंक हासिल किए, जबकि उनके चीनी प्रतिद्वंद्वी लिरेन 6.5 अंकों पर सिमट गए। गुकेश शतरंज का यह खिताब जीतने वाले विश्वनाथन आनंद के बाद दूसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं। आनंद ने अपने करियर में पांच बार यह खिताब जीता था और अब उन्होंने अपनी अकादमी के जरिए गुकेश को प्रशिक्षित कर उनके सफर में अहम भूमिका निभाई।
गुकेश ने 58 चालों के बाद चार घंटे के संघर्ष में जीत हासिल की। उन्होंने बताया, ‘मैंने पिछले 10 सालों से इस पल का सपना देखा था। इसे सच होते देखना मेरे लिए भावुक करने वाला क्षण था’। गुकेश ने इस जीत के साथ रूस के महान ग्रैंडमास्टर गैरी कास्परोव का रिकॉर्ड तोड़ दिया, जो 22 साल की उम्र में वर्ल्ड चैंपियन बने थे।
गुकेश ने कहा, ‘हर शतरंज खिलाड़ी का सपना वर्ल्ड चैंपियन बनने का होता है। आज मैं अपने सपने को जी रहा हूं।’ इस जीत के साथ ही डी गुकेश अब शतरंज की दुनिया के सबसे कम उम्र के वर्ल्ड चैम्पियन बन गए हैं।