नई दिल्ली: राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने पहलवान बजरंग पुनिया के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उनको चार साल के लिए निलंबित कर दिया। दरअसल पहलवान बजरंग पुनिया ने राष्ट्रीय टीम के लिए चयन ट्रायल के दौरान 10 मार्च, 2024 को डोप परीक्षण के लिए अपना नमूना देने से इनकार कर दिया था। राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने टोक्यो खेलों के कांस्य पदक विजेता को इस अपराध के लिए सबसे पहले 23 अप्रैल को निलंबित किया था, जिसके बाद UWW ने भी उन्हें निलंबित कर दिया था। इसका मतलब अब पहलवान बजरंग पुनिया कुश्ती में वापसी नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा वह विदेश में कोचिंग की नौकरी के लिए आवेदन भी नहीं कर पाएंगे।
क्यों लिया गया एक्शन
NADA ने कहा कि एथलीट ने एसी हरकतें जानबूझकर की गई थीं, उन्होंने कहा, “डोप टेस्ट के लिए मूत्र का नमूना देने से एथलीट ने जानबूझकर इंकार किया गया था। जो 2021 के नियमों के अनुच्छेद 20.1 और 20.2 में उल्लिखित एंटी-डोपिंग जिम्मेदारियों के प्रति उपेक्षा को प्रदर्शित किया। यह विवाद एथलीटों और एंटी-डोपिंग अधिकारियों के बीच तनाव को रेखांकित करता है। बजरंग पुनिया ने अपने लिखित बयान में कहा कि पिछले दो मामलों में NADA के आचरण ने एथलीट के मन में अविश्वास पैदा कर दिया था, खासकर जब NADA ने दोनों ही मामलों में डोपिंग नियंत्रण प्रक्रिया के प्रति उनके उदासीन रवैये को स्वीकार करने या जवाब देने में भी विफल रहा।
बजरंग का कहना है कि पूर्व कुश्ती संघ अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के कारण डोपिंग नियंत्रण के संबंध में उनके साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार किया गया। उनका कहना है कि उन्होंने कभी भी सैंपल देने से साफ इनकार नहीं किया, बल्कि दिसंबर 2023 में उनके नमूनों के लिए भेजे गए एक्सपायर्ड टेस्टिंग किट के बारे में अपनी चिंता के संबंध में नाडा से स्पष्टीकरण मांगा था।