![Innocent Heart School](https://encounternewspaper.com/wp-content/uploads/2024/11/Innocent-1080-x150.jpg)
नोएडाः दिल्ली में स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिलने से लोगों में दहशत का माहौल पाया गया। इस मामले में पुलिस ने 9वीं के छात्रा को हिरासत में ले लिया है। जांच के दौरान पता चला है कि 9वीं कक्षा के छात्र ने पढ़ाई से बचने के लिए नोएडा सेक्टर -126 स्थित ज्ञानश्री, मयूर पब्लिक स्कूल, द हेरिटेज व स्टेप बाय स्टेप स्कूल को ई-मेल भेजकर बच्चों को क्रूरता से मारने व बम से उड़ाने की धमकी दे दी। अगली सुबह 8:30 बजे स्कूल प्रबंधकों के ई-मेल चेक करते ही होश उड़ गए। कंट्रोल रूम पर सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारी स्कूलों की तरफ दौड़ पड़े। छात्र-छात्राओं को बाहर निकालकर बम निरोधक दस्ता और डॉग स्क्वाड के साथ जांच की। वहीं, अभिभावक भी स्कूलों पहुंच गए। पुलिस ने ईमेल भेजने वाले की पहचान एक छात्र के रूप में कर देर रात मामले का खुलासा कर दिया।
जांच में सामने आया कि स्कूल न जाने का मन होने के कारण छात्र के मन में बम को उड़ाने वाला मेल करने का विचार आया। जिसके चलते नाबालिग ने नोएडा के 4 स्कूलों को मेल किया। जांच में पता चला है कि छात्र ने गूगल के जरिए चारों स्कूलों का मेल निकाला था। मेल करने से पहले छात्र ने यूट्यूब पर बम की धमकी वाले वीडियो देखे थे। पहचान छुपाने के लिए छात्र ने VPN सॉफ्टवेयर का उपयोग किया। छात्र ने हेरिटेज स्कूल, स्टेप स्टेप बाय स्कूल, ज्ञानश्री स्कूल, और मयूर स्कूल को मेल किया। पुलिस ने बताया कि पिछले दिनों लगातार स्कूल में बम की खबरें देख छात्र को आइडिया आया। पुलिस ने नाबालिक छात्र को न्यायिक संरक्षण में भेज दिया है।
डीसीपी रामबदन सिंह ने बताया कि चारों स्कूल को ई-मेल मंगलवार रात 12 बजे आई थी। सुबह साढ़े 8 बजे प्रबंधन ने सिस्टम पर ई-मेल चेक की तो तुरंत प्रिंसिपल और अन्य पदाधिकारियों को मामले की सूचना दी गई। इस बीच चारों स्कूल में पढ़ाई शुरू हो चुकी थी। प्रबंधन ने पुलिस अधिकारियों को सूचना देकर ई-मेल चेक कराई। चारों स्कूल की ई-मेल में लिखा था कि सभी बच्चों को मारकर बदला लूंगा। स्कूलों की तरफ से बम की सूचना पर एडीसीपी सुमित कुमार शुक्ला, एसीपी प्रवीण कुमार और थाना प्रभारी ने बम निरोधक दस्ता, डॉग स्क्वाड और भारी संख्या में पुलिस बल के साथ जांच शुरू कर दी।
स्कूल परिसर को पूरी तरह खाली कराने के बाद दो घंटे की जांच में टीम को कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली। तब अधिकारी और प्रबंधन ने राहत की सांस ली। डीसीपी ने बताया कि साइबर सुरक्षा की चार टीमें ईमेल भेजने वाले का पता करने में जुटी थीं। टीम को लिंक मिला तो ईमेल भेजने वाली की पहचान एक छात्र के रूप में हुई। उसने बात करने पर पता चला कि वह नोएडा के ही एक स्कूल में कक्षा नौंवी की पढ़ाई करता है। बुधवार को उसका स्कूल जाकर पढ़ने का मन नहीं था।