
नई दिल्लीः दिल्ली में रविवार को विश्व धरोहर समिति का 46वां सत्र शुरू होने जा रहा है। जिसका प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उद्घाटन करेंगे। भारत पहली बार 21 से 31 जुलाई तक इस सत्र की मेजबानी करेगा और यह यूनेस्को का एक प्रमुख आयोजन है। इस बैठक में 150 से अधिक देशों के 2,000 से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे। वहीं मोदी सत्र में मौजूद लोगों को संबोधित करेंगे। 11 दिन तक चलने वाले इस सत्र में यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में नए स्थलों का नामांकन प्रस्ताव, मौजूदा 124 विश्व धरोहर संपत्तियों की संरक्षण रिपोर्ट की स्थिति, अंतरराष्ट्रीय सहायता और विश्व धरोहर निधि के उपयोग आदि पर चर्चा की जाएगी।
बतादें कि विश्व धरोहर समिति की बैठक साल में एक बार होती है और यह विश्व धरोहर स्थलों से संबंधित सभी मामलों के प्रबंधन तथा यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किए जाने वाले स्थलों पर निर्णय लेती है। 46वें सत्र में दुनिया भर से प्राप्त 27 नए स्थलों के नामांकनों की जांच की जाएगी, जिनमें 19 सांस्कृतिक स्थल, चार प्राकृतिक स्थल और दो मिश्रित स्थल हैं। सत्र में भारत की ओर से साल 2023-24 के लिए सांस्कृतिक संपत्ति श्रेणी में नामांकित असम के ‘मोइदम्स’ से संबंधित आवेदन की पड़ताल की जाएगी।
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि ‘रिटर्न ऑफ ट्रेजर्स प्रदर्शनी में देश में वापस लाई गईं कुछ कलाकृतियों को प्रदर्शित किया जाएगा। अब तक 350 से अधिक कलाकृतियों को भारत वापस लाया गया है। जिसमें गुजरात के पाटन में स्थित रानी की वाव, कैलाश मंदिर, एलोरा गुफाएं, महारा और होयसल मंदिर, हलेबिड, कर्नाटक शामिल हैं।’