मोहालीः पंजाब सरकार द्वारा सरकारी बसों में सफर करने वाले लोगों को जल्द बड़ी राहत देने की तैयारी की जा रही है। दरअसल, सरकार सड़कों पर जल्द नई बसें उतार रही है, जिससे लोग चंडीगढ़ की तर्ज पर पंजाब में सरकारी बसों में आसानी से सफर कर सकेंगे। मिली जानकारी के अनुसार सरकार पीआरटीसी के बेड़े में करीब 577 नई बसें शामिल करने की तैयारी कर रही है। 400 से ज्यादा बसों के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं। उम्मीद है कि जनवरी 2025 में पीआरटीसी को 200 बसें मिल जाएंगी, जबकि बाकी बसें मई तक सड़कों पर उतार दी जाएंगी।
इसके अलावा सरकारी अनुबंध पर काम कर रहे कर्मचारियों को स्थायी करने की रणनीति बनाई जा रही है। जल्द ही इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट में लाया जाएगा। सरकार इस समय सरकारी बस सेवा को मजबूत करने में लगी हुई है। साथ ही इसे निजी बसों की तर्ज पर बेहतर बनाया जा रहा है। मौजूदा समय की बात करें तो पीआरटीसी में करीब 704 बसें शामिल हैं, जो अब बढ़कर 1100 हो जाएंगी। वहीं, रोजाना लोगों को 1.25 करोड़ रुपये की बस सेवा मुहैया कराई जाती है। पीआरटीसी ने वर्ष 2021-22 के मुकाबले वर्ष 2023-24 में 263.39 करोड़ से अधिक की आय दर्ज की है।
वर्ष 2022-23 में आय बढ़कर 870.48 करोड़ रुपये हो गई है। हालांकि, महिलाओं को दी जा रही मुफ्त बस सेवा बंद हो रही है। इससे सरकार पर बोझ बढ़ गया है। इससे पहले राज्य सरकार ने करीब 600 बसों के परमिट रद्द किए थे। मंत्री लाल जीत सिंह भुल्लर का कहना है कि नियमों को ताक पर रखकर टेंडर जारी किए गए। इससे छोटे बस ऑपरेटर पूरी तरह खत्म हो गए। बस सेवा चंद परिवारों तक सीमित हो गई। वहीं, इससे सरकार को घाटा हो रहा था। इस प्रक्रिया को भविष्य में भी जारी रखने का फैसला किया गया है। समय-समय पर इन बातों की समीक्षा की जाएगी।
बता दें कि पीआरटीसी और पनबस कर्मचारियों ने सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि अगर 1 जुलाई 2024 को जालंधर में हुई मीटिंग में उठाए गए मुद्दों का समाधान नहीं हुआ तो संघर्ष तेज किया जाएगा। कर्मचारियों की 7 मुख्य मांगें हैं। इनमें सर्विस रूल के अनुसार सभी कर्मचारियों को स्थायी करना, ठेका प्रथा को खत्म करना, समान काम के लिए समान वेतन जारी करना, कर्मचारी विरोधी नियम वापस लेना, किलोमीटर स्कीम के तहत चलने वाली बसों को बंद करना और ट्रांसपोर्ट माफिया के खिलाफ कार्रवाई करना शामिल है।