चंडीगढ़ः पंजाब में जल्द ही बिजली की दरों में 10 फीसदी तक महंगी हो सकती है। पावरकाॅम ने पंजाब स्टेट इलेक्टि्रसिटी रेगुलेटरी कमीशन को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा है। कमीशन को भेजी अपनी एनुअल रेवन्यू रिक्वायरमेंट (एआरआर) रिपोर्ट में पावरकाॅम ने कुल 5091 करोड़ के राजस्व घाटा होने का हवाला देते हुए इसकी भरपाई के लिए बिजली की दरों में वृद्धि को जरूरी बताया है। इससे आने वाले दिनों में पंजाब के बिजली खपतकारों को बड़ा झटका लग सकता है।
हालांकि पावरकाम के अधिकारियों का तर्क है कि साल 2010 में पावरकाम के अस्तित्व में आने के बाद से पिछले 16 सालों के दौरान बिजली की दरों में प्रस्तावित यह सबसे कम वृद्धि है। पावरकाम की एआरआर रिपोर्ट के मुताबिक कारपोरेशन को पिछले कुछ सालों में 5091 करोड़ का राजस्व घाटा पड़ा है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में पावरकाॅम को 44822.19 करोड़ के राजस्व की जरूरत थी, लेकिन सभी स्रोतों से 42293.42 करोड़ का ही राजस्व प्राप्त हो सका। जिससे इस साल 2528.77 करोड़ का घाटा उठाना पड़ा। इससे पहले पावरकाॅम को 4072.27 करोड़ का राजस्व घाटा हुआ था।
इस तरह से 1018.02 करोड़ की कैरिंग काॅस्ट के साथ यह राजस्व घाटा 7619.06 करोड़ का हो गया है। अनुमान लगाया गया है कि पावरकाॅम को अगले वित्तीय वर्ष 2025-26 में मौजूदा बिजली दरों के हिसाब से कुल 50445 करोड़ का राजस्व प्राप्त होगा, जबकि जरूरत 47916 करोड़ के राजस्व की है। इस तरह से पावरकाॅम को 2528 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है। इसलिए 2528 करोड़ के इस सरप्लस राजस्व को निकालने के बावजूद पावरकाॅम को 5091 करोड़ का घाटा हो रहा है। इसकी भरपाई के लिए बिजली की दरों में 10 फीसदी की वृद्धि की जानी जरूरी है।
इंडस्ट्री सैक्टर के तहत स्माल सप्लाई की बिजली सब्सिडी 155 करोड़, मीडियम सप्लाई की 343 करोड़ और लार्ज सप्लाई की 2662 करोड़ रहेगी। बिजली सब्सिडी का एक बड़ा खेतीबाड़ी सैक्टर का ही रह रहा है। साल 2023-24 में खेतीबाड़ी सैक्टर की 8334 करोड़ की बिजली सब्सिडी रही थी और साल 2024-25 में 9883 करोड़ रहने का अनुमान है। पावरकाॅम बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए 2025-26 में 30555 करोड़ की बिजली की खरीद करेगा। ईंधन पर खर्चा 3804 करोड़ रहने का अनुमान है, जबकि कर्मचारियों पर 7453 करोड़ खर्च करेगा। इसमें तीन प्रतिशत का सालाना इंक्रीमेंट और डीए के खर्चे शामिल हैं। इसके साथ ही लंबी अवधि वाले ऋणों पर ब्याज देने में ही पावरकाम 1226 करोड़ रुपये खर्च कर देगा।