मोहालीः पंजाब के पूर्व इंस्पेक्टर को प्रेम विवाह करना भारी पड़ गया। दरअसल, 14 साल पुराने केस में मोहाली कोर्ट ने आज अहम फैसला सुनाते हुए 2010 के केस को लेकर पंजाब पुलिस के पूर्व इंस्पेक्टर को उम्रकैद की सजा सुनाई है। दरअसल, आज से 14 साल पहले 2010 में थाना प्रभारी रहे जगबीर सिंह ने कुंबड़ा निवासी गुरदीप सिंह को किडनैप करके अपनी बेटी से प्रेम विवाह किया था। उन्होंने कहा कि दोनों परिवारों में शादी के बाद से अक्सर संबंध ठीक नहीं थे। मामले की जानकारी देते हुए पीड़त के वकील अमरजीत सकीजा ने कहा कि 3-7-2010 तारीख को गवाहों ऐसे है जिनकी गवाही में यह चीज सामने आई है कि 3 तारीख को गुरदीप सिंह ने अपने दोस्त राजिंदर को फोन किया था।
उन्होंने कहा कि 2 तारीख को गुरदीप के साले का बर्थडे था। इस दौरान गुरदीप सिंह पिज्जे का ऑर्डर करता है। इस दौरान डिलीवरी लेट होने के दौरान गुरदीप की पत्नी जसप्रीत कौर के साथ काफी ज्यादा लड़ाई हो जाती है। लड़ाई के दौरान गुरदीप अपनी माता (शिकायतकर्ता) भूपिंदर को फोन करता है। फोन के दौरान भूपिंदर सारी बाते सुन लेती है और उन्हें बेटे पर हादसा होने का संदेह होने लगता है। जिसके बाद 3 तारीख को पत्नी जसप्रीत कौर और पत्नी को यूएए भेज देता है। वकील का कहना है कि यह सारा मामला पहले से प्री प्लैन बनाया गया था। जिसके बाद 4 तारीख को सिंघपुरा में गुरदीप को फोन करके थानेदार जगबीर सिंह बुलाता है।
जिसके बाद सिंघपुरा जाने के बाद गुरदीप कभी वापिस नहीं आता। जिसके बाद पता चलता है कि गुरदीप की मौत हो जाती है। इस मामले को लेकर थाना प्रभारी को 365 सैक्शन (बेललेबल) के तहत मामला दर्ज हुआ था। वकील ने कहा कि इस मामले में सारी पुलिस जगबीर को बचाने में लग गई थी। वकील ने कहा कि मौजूदा थानेदार होने के नाते जगबीर ने यह बताया कि उसकी ड्यूटी 4 तारीख को पटियाला में लगी हुई थी और वह चंडीगढ़ कभी गया ही नहीं था। जिसके बाद बेल ग्रांट हो जाती है। जिसके बाद उसे ध्यान में आता है कि उसकी लोकेशन चंडीगढ़ की आएगी। जिसके बाद वह कहते है कि चंडीगढ़ हाईकोर्ट की के रिट के मामले में गया थे। वकील ने कहा कि लेकिन वह यह बात भूल गए कि 4 तारीख को रविवार था और उस दिन कोर्ट बंद रहती है।
जिसके बाद झुलका थाने में प्रभारी होने के नाते वह वहां की एंट्री की बात सामने रखता है। वकील ने बताया कि आज माननीय जज ने सरकारी दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ के मामले में अन्य धाराएं लगाई है। वकील ने कहा कि आज साढ़े 14 साल हो गए लेकिन गुरदीप की शव नहीं मिला है। वकील ने गुरदीप के शव ना मिलने का कारण बताते हुए कहा कि थाना प्रभारी इनवेस्टिगेशन अफसर रहा है, ऐसे में उसे शक था कि अगर शव मिल जाता है तो बात उस पर आ जाएगी। वहीं इस मामले को लेकर गुरदीप की माता ने कहा वकील का धन्यावाद किया। माता ने कहा कि पुलिस में तैनात होने के नाते उसके बेटे का जगबीर ने कत्ल कर दिया और अपनी बेटी को विदेश भेज दिया। माता ने कहा कि बेटे के पैसों पर ससुराल पक्ष ने खूब मस्ती की। माता ने कहा कि आज उसे कोर्ट में माननीय जज बलजिंदर सिंह ने इंसाफ दिलाया है और जगबीर सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई है।