मोहालीः जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई को वन्य जीव प्रेमियों ने अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा युवा मोर्चा विंग का राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत किया गया है। वहीं हिन्दू सेना द्वारा हाल ही में लारेंस को सेना का राष्ट्रीय प्रभारी नियुक्त किया गया है। इस संबंधी लारेंस के गांव दुतारांवाली में कल एक बैठक हुई, जिसमें सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया। इस संबंधी मंगलवार को अबोहर के बिश्नोई मंदिर में लॉरेंस बिश्नोई की इस संबंधी पत्र जारी किया गया।
इस मौके पर इंद्रपाल बिश्नोई, राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा (रजि.) सहित रमेश बिश्नोई, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, विजय पाल गोदारा अध्यक्ष अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा पंजाब, हनुमान बिश्नोई पंजाब सभा के कार्यकारिणी सदस्य सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमेश बिश्नोई ने कहा कि लॉरेंस हमारे नौजवानों को नशे से दूर करने का काम कर रहा है। साथ ही हमारे समाज में वन्य जीवों का अपना ही एक बड़ा महत्व है। ऐसे में लॉरेंस वन्य जीवों की रक्षा के लिए भी लोगों को प्रेरित कर रहा है।
बिश्नोई समाज द्वारा प्रमाणित किया जाता है कि लॉरेंस बिश्नोई पुत्र रविंद्र निवासी गांव दुतरांवाली (अबोहर, जिला फाजिल्का, पंजाब) को अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा रजिस्टर्ड के युवा मोर्चा विंग का राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत किया जाता है। आपका यह दायित्व जीव रक्षा एवं पर्यावरण के क्षेत्र में परोपकार के कार्यों को आगे बढ़ाना एवं माता अमृता देवी बिश्नोई जिनके साथ 363 बिश्नोई नर नारियों ने सन 1730 में खेजड़ी के पेड़ों को काटने से बचाने के लिए अपने प्राण निछावर कर दिए थे। ऐसी विश्व में कोई घटना देखने को नहीं मिलती।
जीव दया पालनी के सिद्धांत और गुरु जंभेश्वर भगवान के बताए हुए नियमों के मध्य नजर रखते हुए आपकी नियुक्ति की जा रही है। आपसे अपेक्षा की जाती है कि आप इस कार्य को जिम्मेदारी एवं पूर्ण निष्ठा से अपने दायित्व को निर्वहन करेंगे। बिश्नोई समाज के अलावा 36 बिरादरी के पदाधिकारियों सहित वन्यजीव प्रेमियों द्वारा लारेंस को युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी देने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया, जिसके बाद आज लॉरेंस बिश्नोई को मनोनीत किए जाने संबंधी पत्र जारी किया गया है।
लॉरेंस इस वक्त गुजरात की साबरमति जेल में बंद है। पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला समेत एनसीपी नेता और पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी के मर्डर में उसका नाम है। बता दें कि लॉरेंस का जन्म पंजाब के फाजिल्का जिले में स्थित दुरातांवाली गांव में हुआ। लॉरेंस बचपन से ही काफी एक्टिव और स्पोर्टी था। वह कुश्ती लड़ता था, लेकिन उसके पिता का सपना था कि बेटा IAS ऑफिसर बने। अबोहर से 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद लॉरेंस चंडीगढ़ चला गया।
यहां उसने DAV कॉलेज में दाखिला लिया। धीरे-धीरे उसने छात्र राजनीति में दिलचस्पी लेनी शुरू की और यहीं उसकी दोस्ती गोल्डी बराड़ से हुई। वही गोल्डी बराड़, जो विदेश में बैठकर लॉरेंस बिश्नोई गैंग के लिए काम करता है। 2011 में लॉरेंस ने चुनाव लड़ने के लिए एक संगठन बनाया। नाम रखा ‘स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी’ यानी SOPU। इसी बैनर तले उसने चुनाव लड़ा, लेकिन हार गया। हार के बाद लॉरेंस अपमानित महसूस करने लगा। उसके मन में बदला लेने का भूत सवार हो गया। उसी साल उसने एक रिवॉल्वर खरीदी और उस गैंग से जा भिड़ा जिसके हाथों उसकी हार हुई थी।
दोनों गैंग के बीच बहस और हाथापाई हुई। इसी बीच लॉरेंस ने फायरिंग कर दी। तब पंजाब पुलिस ने उसके खिलाफ हत्या की कोशिश का मामला दर्ज किया था। लॉरेंस के खिलाफ ये पहला मामला था। इसके बाद लॉरेंस ने अवैध गतिविधियों में शामिल होना शुरू कर दिया। वह गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया और रॉकी फाजिल्का की गैंग से जुड़ गया। भगवानपुरिया गुरदासपुर का रहने वाला था। उसने लॉरेंस को न केवल धंधे के गुर सिखाए बल्कि उसे अपने कामों में खुली छूट भी दी।