
नई दिल्लीः अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ समारोह में भारत का मोस्ट वांटेड खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू भी देखा गया। दरअसल, ट्रंप ने वॉशिंगटन डीसी स्थित कैपिटल हिल के हॉल में शपथ ग्रहण किया। ट्रंप के शपथ ग्रहण में देश-दुनिया के कई मेहमान और नेता भी शामिल हुए। ट्रंप के शपथ ग्रहण के बाह होने वाले सेलिब्रेशन कार्यक्रम में भारत का मोस्ट वांटेड खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू भी नजर आया था। दावा किया जा रहा है कि ट्रंप के शपथ ग्रहण के समय पन्नू समारोह स्थल के अंदर नजर आया था। इस दौरान वीडियो में पन्नू को खालिस्तानी नारा भी लगाते हुए देखा गया। पन्नू ने दावा किया है कि उसे ट्रंप गुट ने आमंत्रित किया था। वहीं, सूत्रों ने दावा किया है कि पन्नू ने एक अपने संपर्क के जरिए टिकट खरीदा था।
राष्ट्रपति Donald Trump के शपथ समारोह में दिखा आतंकी पन्नू, लगाए खालिस्तान के नारे
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जिसके बाद वो ट्रंप के आधिकारिक समारोह में प्रवेश किया। इतने हाई-प्रोफाइल कार्यक्रम में पन्नू की उपस्थिति भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के साथ-साथ कार्यक्रम स्थल पर मौजूद अन्य गणमान्य व्यक्तियों के लिए सुरक्षा चिंताएं बढ़ाती है। पिछले साल अमेरिका ने भारत के पूर्व अधिकारी खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की ‘हत्या की साजिश रचने’ का आरोप लगाया था। अमेरिका ने आरोप लगाया था कि पूर्व भारतीय अधिकारी ने न्यूयॉर्क में पन्नू की हत्या की साजिश रची थी। इसके लिए भाड़े के शूटर की हायरिंग की गई थी। इसके साथ-साथ अमेरिका ने पूर्व भारतीय अधिकारी पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप भी लगाया था।
अमेरिका ने विकास यादव का नाम पन्नू की हत्या के असफल प्रयास के संबंध में लिया था। पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है। बताया जाता है कि विकास यादव भारत की खुफिया एजेंसी रॉ का पूर्व अधिकारी है। हाल ही में गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा था कि मामले की लंबी जांच के बाद एक व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
जांच में इसके पिछले आपराधिक संबंध और पृष्ठभूमि भी सामने आई थी। हालांकि, भारत सरकार ने ऐसे किसी व्यक्ति का नाम बताया जिसके खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है। गृह मंत्रालय ने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों के सुरक्षा हितों को कमजोर करने वाले कुछ संगठित आपराधिक समूहों, ड्रग्स तस्करों और आतंकवादी संगठनों के बारे में अमेरिकी अधिकारियों की ओर से जानकारी मिलने पर सरकार ने नवंबर 2023 में एक हाई लेवल जांच कमेटी गठित की थी।