नई दिल्लीः भारत सहित कई देशों में एप्पल आईफोन के दीवाने आपको मिल जाएंगे। कंपनी द्वारा हर साल कुछ नया लांच किया जाता है और एप्पल के दीवानों में उसे खरीदने की होड़ लगी रहती है। एप्पल कंपनी के दीवाने लंबी-लंबी लाइनों में खड़े होकर कंपनी की नई सीरीज के फोन सहित अन्य सामान खरीदने में लग जाते है। वहीं दूसरी ओर एप्पल कंपनी ने हाल ही में नई iPhone 16 सीरीज को लॉन्च किया है, लेकिन इंडोनेशिया सरकार ने एप्पल iPhone 16 पर बैन लगा दिया है।
दरअसल, यह बैन एप्पल द्वारा लोकल इन्वेस्टमेंट के नियमों का पालन न करने की वजह से लगाया गया है। हालांकि इस बैन को हटाने के लिए एप्पल कंपनी लगातार काफी प्रयास कर रही है। बताया जा रहा है कि हाल ही में एप्पल ने बैन को हटाने के लिए इंडोनेशिया सरकार के सामने 100 मिलियन डॉलर यानी लगभग 845 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट करने का ऑफर रखा था, लेकिन इंडोनेशियाई सरकार ने इस ऑफर को ठुकरा दिया है। यही नहीं सरकार ने iPhone 16 की बिक्री पर लगाए गए बैन को हटाने से पहले एप्पल के साथ आगे की बातचीत की मांग की है।
इंडस्ट्री मंत्री अगुस गुमीवांग कार्तसस्मिता ने इंडोनेशिया और वियतनाम के बीच एप्पल के इन्वेस्टमेंट में असमानता की आलोचना की है। दरअसल, कंपनी ने वियतनाम में मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटीज में अरबों डॉलर का निवेश किया है, लेकिन इंडोनेशिया में एप्पल का इन्वेस्टमेंट अभी भी सीमित है, जबकि यह एक बड़ा और उभरता हुआ बाजार है। कार्तसस्मिता का इस मामले पर कहना है कि “हम चाहते हैं कि Apple यहां व्यापार करे, लेकिन हमें एक निष्पक्ष समाधान चाहिए।” उन्होंने Apple से वार्ता टीमें भेजने और समस्या का समाधान निकालने का अनुरोध किया।
इंडोनेशिया ने iPhone 16 की सेल्स पर बैन इसलिए लगाया है, क्योंकि Apple लोकल रेगुलेशंस का पालन नहीं कर सका है। नियमों के अनुसार, 40% कंपोनेंट्स का लोकल लेवल पर सोर्स होना अनिवार्य है। सरकार चाहती है कि एप्पल लोकल मैन्युफैक्चरिंग और इन्वेस्टमेंट बढ़ाए।
इंडोनेशियाई अधिकारियों ने प्रस्ताव को अस्वीकार करते हुए कही ये 3 बातें
Apple को 2023 के इन्वेस्टमेंट वादों को पूरा करना चाहिए।
2024-2026 के लिए सॉलिड इन्वेस्टमेंट प्लान्स प्रस्तुत करने होंगे।
लोकल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट सेटअप करनी होगी।
यह पहली बार नहीं है जब इंडोनेशिया ने विदेशी टेक दिग्गज कंपनियों पर कड़ा रुख अपनाया है। Google Pixel डिवाइस और TikTok शॉपिंग जैसे प्रोडक्ट्स पर भी इसी तरह के इन्वेस्टमेंट इश्यूज के चलते बैन लगाया गया था। भले ही एप्पल इंडोनेशिया में बड़ा स्मार्टफोन खिलाड़ी नहीं है, लेकिन देश की बड़ी आबादी कंपनी के लिए एक बड़ा बाजार है।