ऊना/सुशील पंडित: खंड विकास कार्यालय बंगाणा के सहयोग से एनडीआरएफ की टीम ने शनिवार को गोविन्द सागर झील के विभिन्न घाटों के नाव चालकों के लिए एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में लगभग 50 से 60 नाव चालकों और झील के आसपास के गावों में रहने वाले ग्रामीणों ने भाग लिया।
उपायुक्त ऊना जतिन लाल ने जानकारी दी कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जल आपदाओं, दुर्घटनाओं की रोकथाम और न्यूनीकरण के लिए नाव चालकों को जागरूक और प्रशिक्षित करना है ताकि जलमार्गों पर सुरक्षा मानकों को मजबूत और आपदा की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता को विकसित किया जा सके। प्रशिक्षण में क्षेत्रीय नाव चालकों और ग्रामीणों को जल सुरक्षा के नवीनतम तकनीकों, प्राथमिक चिकित्सा, बचाव उपकरणों के उपयोग और आपदा प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं आपातकालीन स्थितियों में नाव संचालन से संबंधित आधुनिक तकनीकों और प्रक्रियाओं की जानकारी दी गई। इस दौरान एनडीआरएफ के विशेषज्ञों ने नाव चालकों को प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़ और तूफान के दौरान अपनी और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कौशल सिखाने के साथ-सााि बचाव उपकरण जैसे लाइफ जैकेट, रेस्क्यू बोट्स और संचार उपकरणों का सही तरीके से उपयोग करना सिखाया गया। उन्होंने आपात स्थिति में यात्रियों को सुरक्षित निकालने और प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया। प्रशिक्षण में स्थानीय जलमार्गों की विशिष्ट चुनौतियों और उनके प्रभावी समाधान पर चर्चा की गई।
एनडीआरएफ के अधिकारी असिस्टेंट कमांडेंट सुनील कुमार ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य नाव चालकों को आत्मनिर्भर और सक्षम बनाना है ताकि वे किसी भी जल दुर्घटना की स्थिति में प्रभावी तरीके से प्रतिक्रिया कर सकें और जनहानि को न्यूनतम कर सकें। उन्होंने कहा कि नाव चालकों की भूमिका आपदाओं के दौरान बहुत महत्वपूर्ण होती है। इस प्रशिक्षण से उन्हें आपात स्थितियों में त्वरित और प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया देने की क्षमता विकसित करने में मदद मिलेगी। प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों ने इसकी सराहना की और इसे जलमार्गों की सुरक्षा के लिए अत्यंत लाभकारी बताया।