
ऊना/सुशील पंडित: अटल बिहारी वाजपेई राजकीय महाविद्यालय, बंगाणा में चल रहे एनएसएस के सात दिवसीय विशेष शिविर के चौथे दिन की शुरुआत एनएसएस के प्रोग्राम ऑफिसर प्रोफेसर सिकंदर नेगी की अध्यक्षता में ड्रिल से हुई। इसके बाद सभी ग्रुप वाइज ग्रुप लीडर्स ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसके साथ ही, पिछले दिन की गतिविधियों पर ग्रुप लीडर लता ठाकुर ने रिपोर्ट और आज का विचार रखा। चौथे दिन की मुख्य गतिविधियां चार सत्रों में आयोजित की गई थीं।
पहले सत्र में मुख्य अतिथि एवं रिसोर्स पर्सन उपमंडल बंगाणा के दंडाधिकारी सोनू गोयल ने डिजिटल साक्षरता और सिविल सेवाओं में कैरियर के विषय पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने स्वयंसेवियों को सिविल सेवाओं में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया और डिजिटल साक्षरता के महत्व को समझाया। दूसरे सत्र में, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बंगाणा के प्रधानाचार्य ने शिक्षा में डिजिटल साक्षरता के महत्व और इसके कार्यान्वयन की रणनीतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने छात्रों को डिजिटल दुनिया के साथ तालमेल बैठाने की आवश्यकता पर जोर दिया। तीसरे सत्र में, वूमेन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट के जिला प्रोग्राम अधिकारी नरेंद्र और सुपरवाइजर सपना शर्मा ने महिलाओं के विकास में डिजिटल साक्षरता की भूमिका पर चर्चा की। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार की “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” योजना के तहत महिलाओं के सशक्तिकरण के प्रयासों की जानकारी दी। चौथे सत्र में, तृतीय विश्व देशों में डिजिटल साक्षरता की चुनौतियों पर ग्रुप डिस्कशन हुआ, जिसमें स्वयंसेवियों ने अपने विचार साझा किए।
इस सत्र ने युवाओं को डिजिटल साक्षरता से जुड़ी वैश्विक समस्याओं और समाधान पर विचार करने का अवसर दिया। इस अवसर पर एनएसएस कैप्टन तीक्ष्ण और परीक्षा समिति के सदस्य भी उपस्थित थे। यह शिविर स्वयंसेवियों के शारीरिक, मानसिक और डिजिटल विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है। यह कार्यक्रम न केवल उन्हें डिजिटल साक्षरता से जोड़ रहा है, बल्कि सामाजिक मुद्दों के प्रति जागरूकता भी बढ़ा रहा है।आने वाले समय में यह शिविर युवाओं के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।