ऊना/सुशील पंडित: ऊना की समूरकलां पंचायत में आज एक दिवसीय विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता करते हुए सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नव कमल ने कहा कि आर्थिक दृष्टि से गरीब पिछडे़ व कमजोर वर्ग, अनुसूचित जाति व जनजाति महिलाएं, असहाय, बच्चों आदि को निःशुल्क कानूनी सहायता, कानूनी सलाह, कानूनी शिक्षा प्रदान करने के लिए हिमाचल प्रदेश विधिक सेवा प्राधिकरण प्रयासरत है।
उन्होंने कहा कि कोई भी पात्र व्यक्ति जो गरीबी, अज्ञानता और अनपढ़ता के कारण अपने अधिकारों की रक्षा करने में असमर्थ है, वह निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान कर सकते हैं। ऐसे व्यक्ति जिन्हें मुफ्त कानूनी सेवाओं की आवश्यकता है, वह लिखित आवेदन पत्र द्वारा अथवा उस प्राधिकरण द्वारा तैयार प्रपत्र को भरकर संबंधित अधिकारी या समिति को सम्पर्क कर सकता है।
इसके अतिरिक्त विवाहित महिलाओं पर अत्याचार एवं कानूनी प्रावधान, देहज निरोधक अधिनियम, किशोर अपराध व न्याय व्यवस्था और सूचना का अधिकार बारे में भी विस्तापूर्वक जानकारी दी। सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नव कमल ने कहा कि गर्भ में कन्या भ्रूण की हत्या एक जघन्य अपराध है तथा कानून में इसके लिए कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि कन्या भ्रूण हत्या महिलाओं के प्रति समाज का एक उपेक्षित व्यवहार है और इससे भविष्य में कई तरह की सामाजिक असंतुलन पैदा होने की स्थिति बन सकती है, जिसका सदियों तक समाधान नहीं मिल पाएगा। इस अवसर पर प्रधान ज्ञान सिंह, उप प्रधान चरणजीत सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।