
ऊना/सुशील पंडित: भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान उना (आईआईआईटी उना) और राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (एनआईटीटीटीआर), चंडीगढ़ के सहयोग से आयोजित आईओटी अनुप्रयोग: प्रोजेक्ट-आधारित शिक्षण पर पांच-दिवसीय ऑनलाइन कार्यक्रम का समापन 14 फरवरी, 2025 को एक आभासी समापन समारोह के साथ हुआ। आईआईआईटी उना ने एक रिमोट सेंटर के रूप में भाग लिया, जिसने अपने छात्रों और संकाय सदस्यों को इस समृद्ध शिक्षण अनुभव में सहजता से जोड़ा।
समापन समारोह में एनआईटीटीटीआर चंडीगढ़ की प्रोफेसर डॉ. मैत्रेयी दत्ता ने शिरकत की, जिन्होंने आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) की वास्तविक दुनिया की चुनौतियों को हल करने में इसके रूपांतरकारी क्षमता पर प्रकाश डाला। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए डिजिटल अर्थव्यवस्था की मांगों को पूरा करने के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों में कौशल विकास के महत्व पर जोर दिया।
यह कार्यक्रम 10 फरवरी, 2025 से 14 फरवरी, 2025 तक आयोजित किया गया, जिसमें विशेषज्ञ व्याख्यान, हाथों-हाथ प्रशिक्षण सत्र और प्रोजेक्ट-आधारित शिक्षण सत्र शामिल थे। आईआईआईटी उना और अन्य संस्थानों के प्रतिभागियों ने सेंसर नेटवर्क, डेटा एनालिटिक्स और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसी आईओटी प्रौद्योगिकियों में व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त किया, साथ ही स्मार्ट कृषि, स्वास्थ्य निगरानी और औद्योगिक स्वचालन जैसी वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करने वाले प्रोजेक्ट्स पर काम किया।
आईआईआईटी उना के निदेशक प्रोफेसर मनीष गौर ने एनआईटीटीटीआर चंडीगढ़ के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया और छात्रों को अत्याधुनिक शिक्षण अवसर प्रदान करने के संस्थान के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने प्रतिभागियों को उनके समर्पण और कार्यक्रम के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बधाई भी दी।