ऊना (सुशील पंडित)। संघ के राज्य संयोजक गुलशन कुमार ने हिमाचल प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया की स्वास्थ्य समिति(नॅशनल हेल्थ मिशन)के अंतर्गत नियुक्त 1700 कर्मचारियों की मांगों को न तो प्रदेश सरकार द्वारा कैबिनेट में ले जाया जा रहा है न ही उनके नियमितिक्र्ण के लिए कोई सकारात्मक कदम उठाये जा रहे हैं जिसको लेकर संघ ने नराजगी व्यक्त करते हुए बताया की हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य स्वास्थ्य समिति(नॅशनल हेल्थ मिशन)के कर्मचारियों को नजरंदाज करना बंद करे नहीं तो शीघ्र ही कर्मचारी आन्दोलन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।
उन्होंने सरकार पर इन कर्मचारियों को आन्दोलन के लिए मजबूर करने का आरोप भी लगाया है उन्होंने चेताया की पिछले 22 वर्षों से इन कर्मचारियों को मात्र अश्बासन के कोई भी ठोस कदन न उठाना सरकार की सम्बेदन्हीनता को दर्शाता है जिसके कारण इन कर्मचारियों का भविष्य ही दाव पर लग गया है उन्होंने कहा की वैश्विक महामारी में राज्य स्वास्थ्य समिति (एन एच एम् ) के अंतर्गत नियुक्त कर्मचारियों ने ने दिन रात एक कर हिमाचल प्रदेश में इस महामारी को रोकने के लिए काम किया परन्तु न तो माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने न ही प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने इन कर्मचारियों के हित के लिए कोई उचित कदम उठाया और न ही इनके भविष्य की सुरक्षा के प्रति कोई निर्णय लिया है जिसको लेकर कर्मचारियों में खासा रोष व्याप्त है।
उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया की जब भी हम कर्मचारी अपने नियमितिकर्ण की मांग प्रदेश सरकार से करते हैं तो राज्य सरकार केंद्र सरकार के कर्मचारी व्ताकर अपना पल्ला झाड़ लेने का आरोप लगाया वहीं दूसरी और केंद्र सरकार का कहना है कि “स्वास्थ्य” सम्बन्धित राज्य का विषय है इसलिए ये कर्मचारी राज्य सरकार के अधीन ही आते हैं जिसके अंतर्गत हरियाणा सरकार के द्वारा अपने इन कर्मचारियों को रेगुलर पे स्केल 01.01.2018 से दे दिया गया है और अब 7TH पे कमिशन की घोषणा भी इन कर्मचरियों के लिए अन्य कर्मचारियों की तर्ज पर की गयी हैI