
कामगारों को ईएसआईसी की ओर से मिलने वाले हित लाभों की जानकारी दी
बद्दी/सचिन बेन्स: बद्दी की सबसे बड़ी वर्धमान धागा मिल में निशुल्क सुविधा समागम का आयोजन किया गया, जिसमें आईएसआईसी से सेवानिवृतक सहायक निदेशक देवव्रत यादव ने कंपनी के कामगारों को ईएसआईसी की ओर से मिलने वाले हितलाभों की जानकारी दी। इस निशुल्क कार्यक्रम का शुभारंभ कंपनी के मुख्य महाप्रंबधक मुकेश सक्सेना ने किया। उन्होंने कंपनी में लगे इस तरह से सुविधा समागम की सराहना करते हुए कहा कि इससे कामगारों को संबंधत फील्ड की बारीकि से ज्ञान मिलता है। उन्होंने भविष्य में इस तरह से समापन लगाने की बात कही। जबकि कंपनी के एवीपी (एचआर) मोहन जांगड़ा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता कहा कि वर्धमान में कामगारों को सुविधा समागम से काफी अच्छा नोलिज हासिल हुई है। शिविर में उपस्थित कर्मचारी व अधकिारी इसे सभी कामगारों को इसकी जानकारी देंगे।
इस मौके पर सेवानिवृत सहायक निदेशक देवव्रत यादव ने कहा कि ईएसआईसी में पंजीकृत कामगार व उनके परिजन देश के किसी भी ईएसआईसी औषधालय एवं असप्तला में अपना चिकित्सा उपचार करा सकते है। ईएसआईसी मुख्यालय की ओर से यह हिदायत जारी की है कि जो मजदूर ईएसआईसी में पंजीकृत है तथा उसके परिजन पूरे भारत वर्ष में कहीं भी ईएसआईसी अस्पताल में अपना ईलाज करा सकते है। उन्हें रैफर कराने की जरूत नहीं है। लेकिन जागरूकता के अभाव में कामगार दूसरे राज्य के मजदूर उपचार कराने जाते थे तो उन्हें यह कह कर टोका जाता था कि वे अपनी ही डिस्पेंसरी में उपरचार कराएं।
उन्होंने कहा कि कोई भी ईएसआईसी में पंजीकृत कामगार अपनी ड्यूटी से निवास स्थान व अपने निवास स्थान से ड्यूटी जाते समय दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है तो उसे उपचार व अन्य सभी हक मिलेंगे। चाहे उसका निवास स्थान कितनी भी दूरी पर क्यों न हो। बीमित महिला को 9 माह के सेवा व 70 दिन की ड्यूटी पूरी होने पर उसे छह माह के प्रसुति अवकाश मिलेगा। जिस पर महिला को उसका शत प्रतिशत वेतन मिलेगा। छह माह में हित लाभ दो जीवित बच्चों पर ही मिलता है। उसके बाद केवल उसे केवल तीन माह से प्रसुति लाभ ही मिलेगा।
देवव्रत यादव ने बताया कि उच्च न्यायलय के आदेश की अनुपालना में सर्वोच्च न्यायलय में दायर मुकदमे के फैसले तक अब ईएसआईसी मुख्यालय को अब प्रथम दिन से ही केस टू केस के आधार पर बीमित व उसका परिवार को अति वशिष्ट उपचार देने की व्यवस्था की गई है। इस मौके पर सतीश मेहरा, पप्पू यादव, जसबीर ताया, हेमा ठाकुर, राजविंद्र कौर, रीना, समिता, फरहीन समेत पांच दर्जन कामगारों ने भाग लिया।