भगवान की यह कृपा रही कि बाढ़ आने से पहले उनके मकानों में कंपन पैदा हो गई। जिससे उनकी नींद खुल गई। जब एक की नींद खुली तो उन्होंने पूरे गांव के शौर मचा कर खाली करा दिया जिससे जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है। यह गांव अभी तक सड़क से जुड़ा नहीं है जिससे यहां पर राहत सामग्री भी तार में ट्राली लगा कर पहुंचाई गई। भारत विकास परिषद ने दो माह का खाने का पका हुआ रेडीमेट भोजन वितरित किया। यह सामग्री भी तार में ट्राली के जरिए गांव तक पहुंचाई गई।
कुल्लू के बालोदी गांव के लोगों को मौत छू कर गई
Date:
आपदा से हुए नुकसान से नहीं ऊभर पाए लोग
बद्दी/ सचिन बैंसल: कुल्लू के मलाना क्षेत्र के बालोदी गांव में बेघर हुए लोग अभी तक आपदा से हुए नुकसान से ऊभर नहीं पाए। अभी तक गांव खंडहर में तबदील है। कुछ लोगो को सरकार की ओर से राहत राशि के रूप में दस हजार रुपये मिले लेकिन इसके अलावा उन्हें कुछ नहीं मिला है। इस आपदा से उनके मकान, जमीन व पशु धन को नुकसान हुआ है। मौत उनसे छू कर गई है। दस मिनट पहले घर छोड़ा और उनके देखते ही देखते उनका मकान जल मगन हो गए।
पीड़ित परिवार के सदस्य नीटू ने बताया कि 1 अगस्त की सुबह चार बजे के करीब अचानक मकान में कंपन हुई और वह नींद से जागे तब तक उन्हें परिजनों के फोन भी आ गए। फोन आते ही उन्होंने मकान छोड़ दिया जिससे उनके सारा सामान मकान पानी के साथ बह गए। उनकी पत्नी मायके गई हुई थी। जबकि बच्चे दादी के पास दूसरे गांव में थे वह किसी तरह अपनी जान बचा कर वहां से भागा। उसके जान के दस मिनट के बाद ही उनका मकान बह गया था।
हेमराज ने बताया के मलाना में बादल फटने से मलाना बांध का टूट गया। पानी जिससे यह तबाही हुई। उनका घर व पशु पानी में बह गए। उन्होंने मौत के काफी करीब से देखा अगर वह सोये रहते तो पानी में समा जाते। उसकी दुकान व उसमें रखा सामान सब पानी के साथ बह गया।
ओमराज ने बताया कि उसके परिवार में तीन लोग उस समय घर में थे। लेकिन गांव में लोगों को चिल्लाने व मकान में कंपकंपी होने से वह अपने परिवार के सदस्यों के मकान छोड़ कर चले गए। जब तक खेत से पीछे मुड कर देखा तो उनका मकान गायब हो गया था।
पुष्पा ने कहा कि उनका मकान टापू के बीच में रह गया है। चारो ओर पानी होने से अब वह किराये के मकान में रह रहे है। उनके लैंटर वाला मकान था जो आधा बीच से टूट कर पानी के साथ चला गया है। लेकिन वह खुशकिस्मत वाले है कि दोनो पति व पत्नी जिंदा बच गए।
चंद्रकांता ने बताया कि कुछ दिन पहले उन्होंने लोगों के पैसा उधार करके पक्का मकान बनाया था जो पानी की भेंट चढ़ गया। मलाना बांध नहीं टूटता को उनके गांव के कोई नुकसान नहीं होना था।
विजेता ने बताया कि वह अपने पति व दो बच्चों के साथ घर में सोई हुई थी। गांव के हेमराज के पोन आने के बाद ही उन्होंने अपने घर छोड़ा लेकिन उनका सब कुछ नष्ट हो गया। जिस रास्ते से वह जा रहे थे तो पीछे नदी का पानी उसी ओर आ रहा था। पानी केसाथ साथ उन्होंने किसी तरह अपनी जान बचाई।
Latest YouTube Videos
Disclaimer: All news on Encounter India is computer generated and provided by third party sources, so read and verify carefully. Encounter India will not be responsible for any issues.
अगर आप हमारे साथ कोई खबर साँझा करना चाहते हैं तो इस +91-95011-99782 नंबर पर संपर्क करें और हमारे सोशल मीडिया Encounter Newspaper को फॉलो करने के नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें,