चंडीगढ़ः केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सीएम भगवंत मान को पत्र लिखा है। इसमें पंजाब सरकार को चेतावनी दी गई है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था ठीक रखें नहीं तो परियोजनाएं कैंसिल कर दी जाएंगी। पंजाब में हाल ही में एनएचएआई के ठेकेदारों के साथ मारपीट की घटनाएं हुई थीं। इस चेतावनी के बाद लगता है कि पंजाब में एनएचएआई की 5 परियोजनाओं पर ग्रहण लग सकता है।
इन प्रोजेक्ट की कुल लागत 14,288 करोड़ रुपये है। गडकरी ने यह पत्र दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे पर हो रही हिंसक घटनाओं के बाद लिखा है। गडकरी ने अपने पत्र में कहा है कि NHAI पंजाब में दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे सहित कई ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड एनएच कॉरिडोर विकसित कर रहा है। उन्होंने NHAI अधिकारियों, ठेकेदारों और उनके कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। साथ ही, उन्होंने भूमि अधिग्रहण से जुड़े मुद्दों को भी उठाया है। गडकरी ने मान को भेजे अपने पत्र के साथ हमलों की तस्वीरें भी संलग्न की हैं।
गडकरी ने मान से इस मामले में व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने लिखा है कि मैं अनुरोध करता हूं कि राज्य सरकार तुरंत सुधारात्मक कदम उठाए, FIR दर्ज करे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। NHAI अधिकारियों और रियायतग्राहियों के कर्मचारियों का विश्वास बहाल हो सके। गडकरी ने 15 जुलाई को हुई एनएच परियोजनाओं की समीक्षा बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें आश्वासन दिया गया था कि भूमि अधिग्रहण और कानून व्यवस्था से जुड़े लंबित मुद्दों को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाएगा।
गडकरी ने कहा कि हालांकि, मेरे संज्ञान में लाया गया है कि इस संबंध में कोई प्रगति नहीं हुई है और स्थिति और खराब हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि भूमि अधिग्रहण से जुड़े लंबित मुद्दों और कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होने के कारण, कई ठेकेदार रियायतग्राहियों ने अनुबंधों को बंद करने का अनुरोध किया है और NHAI के खिलाफ दावे उठाए हैं। गडकरी ने कहा कि अगर राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति नहीं सुधरती है तो NHAI के पास आठ और हाईवे प्रोजेक्ट रद्द करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। उन्होंने कहा कि ये सभी ग्रीनफील्ड कॉरिडोर हैं और अगर एक पैकेज भी रद्द होता है तो पूरा कॉरिडोर बेकार हो जाएगा। NHAI ने पहले ही 104 किलोमीटर लंबी और 3,263 करोड़ रुपये की लागत वाली तीन राजमार्ग परियोजनाओं को भूमि की अनुपलब्धता का हवाला देते हुए समाप्त कर दिया है।