चंडीगढ़ः केंद्र सरकार ने किसानों को बड़ी राहत दी है। दरअसल, केंद्र ने गैर-बासमती सफेद चावल के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। दरअसल, भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए गैर-बासमती सफेद के निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटा दिया है। यह प्रतिबंध पिछले साल जुलाई में चावल की घरेलू आपूर्ति को सुनिश्चित करने और कीमतों में स्थिरता लाने के लिए लगाया गया था। अब इस प्रतिबंध को हटाने से भारत के चावल निर्यातक बेहद खुश हैं।
सरकार ने जुलाई 2023 में चावल की घरेलू आपूर्ति सुनिश्चित करने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए प्रतिबंध लगाया था। एक्सपोर्टर्स ने गैर-बासमती सफेद चावल के एक्सपोर्ट से पाबंदी हटाने के फैसले की सराहना की और कहा कि इससे किसानों को फायदा होगा। इंडियन राइस एक्सपोर्टर फेडरेशन के अध्यक्ष डॉ प्रेम गर्ग ने बताया कि इस प्रतिबंध को हटाने का भारत सरकार का फैसला कृषि क्षेत्र के लिए फायदेमंद है क्योंकि इससे कई क्षेत्रों के लोगो को फायदा मिलेगा। सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि ब्राउन राइस और छिलके वाले चावल पर भी एक्सपोर्ट ड्यूटी को 20% से घटाकर 10% कर दिया गया है।
सफेद चावल पर एक्सपोर्ट ड्यूटी 10 % से घटाकर शून्य कर दी गई है। यह कटौती तुरंत प्रभाव से लागू होगी। बता दें कि देश में सफेद चावल एक्सपोर्ट पर 20 जुलाई 2023 को बैन लगाया था। तब से चावल एक्सपोर्ट पर बैन लगा हुआ था, जो तकरीबन 14 महीने बाद हटाया गया है। इससे पहले सितंबर 2022 से टूटे चावल के एक्सपोर्ट पर बैन लगाया गया था। वहीं ऊसर चावल एक्पोर्ट पर 20 फीसदी ड्यूटी लगाई गई थी, जो अभी तक जारी है।
चावल एक्सपोर्ट से बैन हटाने का फैसला तब लिया गया है, जब देश में चावल का स्टॉक भरपूर है। तो वहीं कृषि मंंत्रालय भी देश में भरपूर चावल उत्पादन का अनुमान जारी कर चुका है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक FCI और राज्य एजेंसियों के पास एक जुलाई 2024 को 326.14 लाख टन चावल का स्टॉक था। इसके उलट बफर स्टॉक के लिए 1 जुलाई को 135.40 लाख टन चावल की जरूरत होती है। वहीं इस साल कृषि मंत्रालय देश में 13.78 करोड़ टन चावल उत्पादन का अनुमान जारी कर चुका है। कुल मिलाकर इस बार देश में चावल का भंडार भरा रहेगा।