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बिजनेसः आज जैसे-जैसे दुनियां में नए-नए अविष्कार हो रहे हैं वैसे-वैसे ही लोगों के जिंदगी
जीने का तरीका भी आसान होता जा रहा है। पहले लोगों को पैसों के लेनदेन के लिए कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता था लेकिन जब से UPI सिस्टम आ गया है तब से लोगों के लिए लेनदेन करना काफी आसान हो गया है। वहीं अपने यूजर्स को अधिक से अधिक सुविधाएं देने के लिए आनलाइन पेमेंट एप्प कई तरह के इनोवेशन करते रहते हैं।
इसी तरह ही आनलाइन पेमेंट करने वाले यूजर्स के लिए UPI ने सुविधाओं में इजाफा किया है। अब फेल हुए UPI ट्रांजैक्शन या अटके हुए पैसों के रिफंड के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने चार्जबैक अनुरोधों की स्वीकृति और अस्वीकृति प्रक्रिया को ऑटोमेटेड कर दिया है। इससे बैंकिंग प्रक्रिया तेज होगी और रिफंड जल्द जारी किया जाएगा। पहले ग्राहकों को बैंक में शिकायत दर्ज करानी पड़ती थी और रिफंड की प्रक्रिया में समय लगता था लेकिन अब यह पहले से अधिक तेज और प्रभावी हो गया है।
10 फरवरी, 2025 को जारी एक सर्कुलर में एनपीसीआई ने कहा है कि नए नियम के तहत, लाभार्थी बैंकों द्वारा दाखिल किए गए ट्रांजेक्शन क्रेडिट कन्फर्मेशन (टीसीसी) या रिटर्न रिक्वेस्ट (आरईटी) के आधार पर चार्जबैक अनुरोध या तो ऑटोमेटेड रूप से स्वीकार या अस्वीकार कर दिए जाएंगे। TCC या RET लेन-देन की स्थिति के बारे में संचारक के रूप में कार्य करता है, यह दर्शाता है कि पैसा लाभार्थी बैंक के पास है या नहीं।
यदि पैसा पहले से ही लाभार्थी बैंक के पास है, तो लेन-देन सफल माना जाता है और चार्जबैक अनुरोध की कोई आवश्यकता नहीं है। अगर किसी कारण से लाभार्थी बैंक में पैसा जमा नहीं किया जा सका, तो इसे प्रेषक बैंक के ग्राहक को वापस कर दिया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में पहले मैन्युअल मिलान शामिल था। अब इसे ऑटोमेटेड कर दिया गया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि UPI ट्रांजैक्शन फेल होने की स्थिति में सहज और प्रभावी बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। नई ऑटोमेटेड प्रक्रिया 15 फरवरी, 2025 यानी आज से शुरू हो रही है।