ज्योति गौतम/तलवाड़ा। तलवाड़ा से 6 किलोमीटर दूर पोंग डैम के पास गंभीर खड्ड गुफा गांव घाटी में स्थित है। जो कि लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। यहाँ के महान तपस्वीय संत हंस दास जी को लोग घाटी वाले बाबा के नाम से जानते है। इनका जन्म 24 जुलाई 1902 को सलोह बेरी नामक गांव जो तलवाड़ा दौलतपुर मार्ग पर है। वहां माता पार्वती और पिता बृज लाल के घर हुआ।
आप बचपन से ही शांत स्ववाह कुशल बुद्धि के थे। प्राथमिक शिक्षा के बाद आप लाहौर चले गए और वहां किसी बात से आप वैरागी हो गए और अपने महान तेजस्वी साहिब दास जी से गुरु दीक्षा ली। अपने गुरु जी के उपदेश अनुसार सही काम करने की प्रेरणा से आप कठोर तपस्या के लिए जिला कांगड़ा के संसारपुर के जंगलों में ब्यास नदी के किनारे घोर तपस्या की और वहां पहाड़ में गुफा और धूणे की स्थापना की। यह अखंड धूणा पिछले 73 सालों से निरंतर अभी तक जल रहा है। उन्होंने समाज को तीन चीजों को अमली जामा पहनाने का उपदेश दिया। जहां भक्त अपना शीश झुकाकर गुरु जी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
21 जून को महान तपस्वी 108 निर्वाण हंस दास जी महाराज इस नशवर शारीर को त्याग कर प्रभू चरणों में लीन हो गए थे। उनकी बरसी हर साल इसी दिन भक्तजनों की तरफ से बड़ी श्रद्धापूर्वक मनाई जाती है। जिस में पंजाब, हिमाचल, जम्मू कश्मीर, हरियाणा, उतर प्रदेश और देश के अलग अलग स्थानों से आकर यहां गुरु महाराज का आशीर्वाद वाद प्राप्त करते है।