चंडीगढ़, 26 अक्टूबर 2024 – पंजाब में अब 500 गज तक के प्लॉट की रजिस्ट्री के लिए एनओसी की जरूरत नहीं होगी। इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए जल्द ही अधिसूचना जारी की जाएगी और इसके बाद राज्य के निवासियों को कम से कम दो महीने का समय दिया जाएगा। इस नई व्यवस्था की घोषणा पंजाब के राजस्व, पुनर्वास और आवास तथा शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने आज चंडीगढ़ के पंजाब भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान की।
मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने इसे मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की ओर से पंजाब की जनता के लिए दिवाली का तोहफा बताया। उन्होंने कहा कि एनओसी की शर्त को समाप्त कर राज्य के लोगों की वर्षों पुरानी मांग को पूरा किया गया है। पिछले सरकारों की ढिलाई के कारण लोग इस समस्या से एक दशक से भी अधिक समय से परेशान थे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सचिव आवास एवं शहरी विकास राहुल तिवारी और पुदा सीए एवं टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डायरेक्टर नीरू कटियाल गुप्ता भी उपस्थित रहे।
मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने ‘पंजाब अपार्टमेंट और संपत्ति विनियमन (PAPRA) संशोधन अधिनियम, 2024’ के अंतर्गत यह बड़ा निर्णय लिया है। इस संशोधन को 3 सितंबर को पंजाब विधानसभा में पारित किया गया और अब इसे राज्यपाल की मंजूरी मिल चुकी है। इसके बाद आवश्यक दस्तावेजी कार्य पूरे होने पर एनओसी के बिना प्लॉट की रजिस्ट्री की सुविधा उपलब्ध होगी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मंत्री ने बताया कि इस निर्णय से अवैध कॉलोनियों पर सख्ती बढ़ेगी और छोटे प्लॉट मालिकों को राहत मिलेगी। मंत्री मुंडियां ने कहा कि यह प्रावधान जुलाई 2024 तक के दस्तावेज़ों पर लागू होगा, जिसमें 500 गज तक की भूमि की रजिस्ट्री के लिए किसी भी एनओसी की आवश्यकता नहीं होगी। उन्होंने आगे बताया कि यदि कोई पंजीकृत व्यक्ति, प्रमोटर या एजेंट अधिनियम के प्रावधानों का पालन नहीं करता है, तो उसे कम से कम 25 लाख रुपये का जुर्माना और अधिकतम 5 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके साथ ही, उसे कम से कम पाँच साल की सजा हो सकती है, जो बढ़कर दस साल तक हो सकती है।
मंत्री ने यह भी बताया कि अवैध कॉलोनियों के कालोनाइजरों ने लोगों को ठगा और बिना अनुमति के कॉलोनियों की बिक्री की, जिनमें सड़कों, सीवेज और अन्य बुनियादी सुविधाओं का अभाव था। ऐसे लोगों को वर्षों तक इन सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ा। अवैध कॉलोनियाँ पूर्ववर्ती सरकारों के दौरान पनपीं क्योंकि उन सरकारों ने अवैध कॉलोनाइजरों को संरक्षण दिया था।
सरकार का यह फैसला राज्य में खेल, आवास और शहरी विकास को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ आम नागरिकों को राहत देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।