नई दिल्लीः इजराइल और ईरान के बीच की अदावत कोई नहीं है बल्कि सालों पुरानी है। हालिया संघर्ष ने इसे और बढ़ा दिया है। इजराइल ने हाल ही में लेबनान के दाहिया में हिजबुल्लाह हेडक्वार्टर पर हमला कर दिया था। इस हमले में हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह समेत उसके कई कमांडरों की मौत हो गई थी। नसरल्लाह की मौत के जवाब में ईरान ने मंगलवार रात को इजराइल पर मिसाइलों की बरसात कर दी।
ईरान ने इजराइल में करीब 200 मिसाइलें दागीं। हमले के बाद ईरान ने साफ कहा कि बदले की कार्रवाई के तहत इजराइल पर ये हमला किया गया है। अगर उसने जवाई कार्रवाई की तो हम इजराइल पर फिर हमला करेंगे। उधर, इस हमले के बाद इजराइल ने बदला लेने की कसम खाई है। इजराइल पर ईरान के इस हमले की कई देशों ने आलोचना की है।
इजराइल पर ईरान के मिसाइल हमलों के बाद तेल की कीमतों में उछाल आया है। ब्रेंट क्रूड जो कि तेल की कीमत बताने वाला बेंचमार्क है, 1% बढ़कर 74.40 डॉलर प्रति बैरल हो गया है।
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इजरायल और ईरान के बीच तनाव बढ़ने से दुनिया में चिंता बढ़ती जा रही है और इसके साथ ही ग्लोबल मार्केट्स भी दहशत में आ गए हैं। Iran की ओर से Israel पर लगभग 180 मिसाइलें दागते हुए ताबड़तोड़ हमला किया गया है, जिसके बाद तनाव और भी अधिक बढ़ गया है। इजरायली सेना की ओर से भी जवाबी हमले के लिए पूरी तरह तैयार होने का दावा किया गया है। दोनों देशों में बढ़ते तनाव का असर सबसे पहले कच्चे तेल की कीमतों पर पड़ता दिखा है और Crude Oil के दाम एक झटके में 5 फीसदी तक बढ़ गए हैं।
गौरतलब है कि ईरान, जो कि ओपेक का सदस्य है और इस Oil Sector का सबसे बड़ा प्लेयर माना जाता है। कच्चे तेल के क्षेत्र में इसकी भागीदारी ने तेल आपूर्ति में व्यवधान की आशंकाओं को बढ़ा दिया है। इसका असर भी दिखने लगा है, क्योंकि ईरान दुनियाभर में होने वाली तेल सप्लाई के करीब एक तिहाई हिस्से की आपूर्ति करता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान के मिसाइल अटैक से संकट बढ़ने के आसार दिखने लगे हैं और इस खबर के बाद कच्चे तेल की कीमतों में तेज उछाल आया।