नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक भारतीय स्टेट बैंक के ग्राहकों को तगड़ा झटका लगा है. एसबीआई ने ब्याज दर बढ़ाने का ऐलान किया है. बुधवार यानी आज से नई दरें लागू हो गई हैं. अब ग्राहकों को नई ब्याज दरें 0.10 फीसदी के हिसाब से देय होगा.
इसी के साथ बैंक ने प्राइल लेंडिंग रेट को भी बढ़ाने का फैसला किया है और यह 10 फीसदी से 12.30 फीसदी कर दिया गया है. वहीं, बेस रेट में 10 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी की गई है. यानी यह नई दर 7.55 फीसदी होगी.
बेस रेट बढ़ने का असर ब्याज दरों पर पड़ेगा. बेस रेट में बढ़ोतरी होने से ब्याज दरें पहले से महंगी हो जाएंगी जिससे लोन लेने वाले ग्राहकों को अधिक ब्याज देना होगा. आपको बता दें कि बेस रेट तय करने का अधिकार बैंकों के हाथ में होता है. कोई भी प्राइवेट या सरकारी बैंक बेस रेट के नीचे लोन ऑफर नहीं कर सकता है. प्राइवेट और सरकारी सभी बैंक बेस रेट को स्टैंडर्ड मानते हैं. इसी आधार पर लोन पर ब्याज आदि तय किए जाते हैं.
एसबीआई ने बताया है कि वह सभी अवधि के लेंडिंग रेट के मार्जिनल कॉस्ट में कोई बदलाव नहीं किया है. ये रेट अपने पहले की तरह बने रहेंगे. आपको बता दें कि एसबीआई का होम लोन सेक्टर में बड़ा हिस्सा है. एसबीआई का मार्केट में कुल 34 फीसदी पर कब्जा है. गौरतलब है कि एसबीआई करीब 5 लाख करोड़ तक का लोन बांट चुका है. वहीं, एसबीआई 2024 तक इस आंकड़े को 7 लाख करोड़ तक पहुंचाने का टारगेट लेकर चल रहा है.
किसी बैंक का बेस रेट वह मिनिमम रेट है जिसके नीचे कोई भी बैंक किसी व्यक्ति या संस्था को लोन नहीं दे सकता. इसके आधार पर ही बैंक लोन का ब्याज तय होता है. हालांकि, इसमें कोई अपवाद हो सकता है. लेकिन इसका फैसला बैंक के उच्च अधिकारी को ही लेना होता है. बेस रेट वह दर है जिस दर को बैंक अपने कस्टमर के लिए लागू करता है. या फिर ऐसे कह सकते हैं कि कॉमर्शियल बैंक जिस रेट पर कस्टमर को लोन देते हैं, वही बेस रेट है