इंटक का राज्य स्तरीय सम्मेलन बद्दी में संपन्न, ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा
28-29 मार्च को राष्ट्रव्यापी हड़ताल के चलते सडक़ों पर उतरेंगे मजदूर-कर्मचारी
श्रम कानूनों को खत्म करके बनाए गए लेबर कोड को रद्द करने की मांग
पंूजीपतियों व उद्योगपतियों के हाथों बिक चुकी सरकार बना रही है मजदूर व कर्मचारी विरोधी नीतियां: हरदीप बाबा
बददी/सचिन बैंसल: मजदूरों, कर्मचारियों व किसानों के खिलाफ बनाई गई केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों के विरोध में बड़े स्तर पर हल्ला बोल की तैयारी है। देश की अग्रणी मजदूर यूनियन इंटक के साथ साथ सब मजदूर संगठन अब हितों की रक्षा के लिए सडक़ों पर उतरेंगे। आजादी के पहले और बाद में मजदूरों के संघर्षों और कुर्बानियों से बने 44 श्रम कानूनों 4 मजदूर विरोधी श्रम संहिताओं (लेबर कोड) में बदले जाने से मजदूर संगठन खफा है। हिमाचल प्रदेश इंटक ने बुधवार को बद्दी में हुए राज्य स्तरीय सम्मेलन में साफ कर दिया है कि किसी भी कीमत पर केंद्र सरकार के मजदूर विरोधी फैसलों को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
राज्य स्तरीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए इंटक के प्रदेशाध्यक्ष हरदीप बाबा ने कहा कि वेतन संबंधी कोड, औद्योगिक संबंधों पर कोड, सामाजिक सुरक्षा पर कोड तथा व्यावसायिक, उपजिविका, कार्यक्षेत्र सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कामकाजी स्थितियों के नाम से बनाए गए चारों कोड पूरी तरह से पंूजीपतियों व उद्योगपतियों के पक्ष में हैं।
हरदीप बाबा ने कहा कि सरकार द्वारा बनाए गए लेबर कोडों से अब यूनियन बनाना मुश्किल हो जाएगा। मजदूरों द्वारा अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने के एवज में जुर्माना और जेल का प्रावधान मजदूर हितों पर डाका है। मजदूरों के काम के घंटों को 8 से बढ़ाकर 12 घंटे करने की अधिसूचना पहले ही जारी कर द गई है जिससे साफ जाहिर होता है कि सरकार पूंजीपतियों के टटू बनकर कामगारों को बंधुआ मजदूर बनाने का फैसला ले चुकी है। किसानों के हकों पर कुठारा घात किया जा रहा है, बीएसएनएल समेत देश की नामी कंपनियों, विद्युत व कोल परियोजनाओं, एयरपोटों को नीजि हाथों में सौंपकर लूट का रास्ता बनाया जा रहा है। स्थाई सरकारी नौकरियों को खत्म करके सरकारी कांटे्रक्ट, ठेके, पार्ट टाईम, टेंपरेरी और ऑऊटसोस के आधार पर भर्तियां कर श्रमदान करने वालों का शोषण किया जा रहा है।
मोदी सरकार द्वारा आंगनबाड़ी, मिड डे मील आशा वर्कर सहित 70 योजनाओं को बंद करने की घोषणा दर्शाती है कि यह सरकार आम आदमी का खून चूसने की मंशा पाले बैठी है। हरदीप बाबा ने कहा कि इंटक समेत सभी टे्रड यूनियनों ने सरकार के समक्ष 17 ऐसी मांगे रखी हैं जो देश, मजदूर, कर्मचारी वर्ग के हित में हैं। देश की 10 मुख्य केंद्रीय टे्रड यूनियनों, कर्मचारी यूनियनों व राष्ट्रीय फैडरेशनों के आहवान पर आगामी 28 व 29 मार्च को दो दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल की जाएगी। इस हड़ताल में इंटक की सभी टे्रड यूनियनें, वर्कर यूनियनें व उद्योग यूनियनें गेट मीटिंग, रैलियां व सडक़ों पर विरोध प्रदर्शन करके सरकार की नीतियों के खिलाफ हल्ला बोलेंगी। इंटक के साथ साथ सीटू, एटक, एचएमएस, बीएसएनएनईयू, बीईएफआई व एनजेडआईईए इस दो दिवसीय हड़ताल में शामिल रहेंगी।
यूथ इंटक के कार्यकारी अध्यक्ष जसविंद्र चौहान ने कहा कि मजदूरों के हितों पर डाका किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दो दिवसीय हड़ताल को सफल बनाने के लिए इंटक पूरी ताकत झोंकेगी और हजारों की संख्या में कामगार सडक़ों पर उतरेंगे। उद्योगों में काम बंद रखा जाएगा और गेट मीटिगों व रैलियों के माध्यम से प्रदर्शन किया जाएगा।
इंटक के राज्य स्तरीय अधिवेषण में प्रदेश भर से यूनियनों के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। इसके अलावा सम्मेलन में अन्य ट्रेड यूनियनों के पदाधिकारी भी उपस्थित रहे और दो दिवसीय हड़ताल को सफल बनाने पर एकजुटता से रणनीति बनाई गई। इस दौरान इंटक प्रदेशाध्यक्ष हरदीप बाबा के साथ इंटक महासचिव सीता राम सैणी व जगत राम शर्मा, सीटू के अध्यक्ष वजिंद्र मैहरा व महासचिव कश्मीर सिंह ठाकुर, एटक अध्यक्ष जगदीश भारद्वाज, सीटूू के प्रेम गौतम, यूथ इंटक के कार्यकारी अध्यक्ष जसविंद्र चौहान, जिलाध्यक्ष इंटक श्याम ठाकुर, राज्य सचिव पीतांबर ठाकुर, कसौली इंटक अध्यक्ष सोकृत कश्यप, इंटक सचिव गजेंद्र तिवारी, प्रेम भाटिया, बिलासपुर इंटक के रूप सिंह ठाकुर इंटक सचिव रमेश चंद समेत सभी जिलों के जिलाध्यक्ष, सचिव व कार्यकर्ता उपस्थित रहे।