जालंधर, ENS: बैंक से लोन लेने के मामले लेकर कंज्यूमर कोर्ट में दायर केस को लेकर कंज्यूमर कमिशन की तरफ से आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस को 23 हजार रुपए जुर्माना लगाया है। मामले की जानकारी देते हुए फगवाड़ा की रहने वाली रोजी पत्नी ने बताया कि उसने दीपक कुमार की तरफ से कंज्यूमर कमिशन में केस दायर किया गया था, जिसमें बताया गया कि दीपक कुमार की तरफ से मोहल्ला ढड्कुल में प्रॉपटर्टी नंबर बी-5, 23-ए 10 मरला के लिए साल 2019 में फाइनांशियल मदद के लिए 20 लाख का लोन लिया था।
जिस पर ईएमआई 2.11.2019 से शुरू होकर 02.10.2034 तक चलनी थी। आईडीएफसी ने दीपक कुमार से कोरे कागज पर हस्ताक्षर करवा लिए थे और ऋण 15.75% निर्धारित दर पर किया गया था। लेकिन दुर्भाग्य से दीपक कुमार की मृत्यु 29-08-2020 को हो गई। उनकी मृत्यु से पहले कोविड-19 भी था। दीपक की मृत्यु के बाद उपभोक्ता की तरफ से एचडीएफसी से अपने बीमा को लेकर सभी कागजी कारवाई भी पूरी की गई।
5 मार्च 2021 को एचडीएफसी की तरफ से बीमा राशि 18,40,390 रुपए के दावे को खारिज कर दिया। जिसके बाद उपभोक्ता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। जिसके बाद 22 अगस्त 2022 को उपभोक्ता ने जिला उपभोक्ता शिकायत निवारण कमिशन में केस दायर किया। जिस पर फैसला करते हुए प्रेजिडेंट डॉ. हरवीन भारद्वाज ने आदेश देते हुए आईडीएफसी और एचडीएफसी को ऋण का निपटारा करने का निर्देश देते हुए बीमा राशि की सीमा तक ऋण का भुगतान करने को कहा गया है।
इसके अलावा सुनिश्चित राशि के भुगतान के बाद कोई राशि बकाया हो जाती है, तो उसे भी शिकायतकर्ताओं द्वारा वहन किया जाएगा। ऋण बंद करने के बाद आईडीएफसी की तरफ से एनओसी भी जारी की जाएगी। उपभोक्ता को उत्पीड़न के लिए 15 हजार का मुआवजा और 8 हजार वकील खर्च देना होगा।